अत्यंत लाभकारी है यह एक योगासन- भुजंगासन | Cobra pose in hindi



व्यक्ति बैठा हो या चल रहा हो ।कंप्यूटर पर काम कर रहा हो, या फिर मोबाइल का प्रयोग।अगर हमारा कोई एक अंग है, जो हर स्थिति में प्रभावित होता है, तो वह है हमारी रीड़ की हड्डी। रीड़ की हड्डी हमारे स्वास्थ्य में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रीड़ की हड्डी से हमारा मेरुदंड (स्पाइनल कोर्ड) गुजरता है, जो हमारे शरीर के अलग-अलग भागों से मस्तिष्क को संदेश पहुंचाता है। रीड़ की हड्डी की समस्या नर्वस कोशिकाओं को हानि पहुंचाती है, जिससे शरीर के किसी भाग में दर्द हो सकता है अथवा वह अंग बेकार भी हो सकता है।
अगर आपके पास समय की कमी हो, और आप सिर्फ एक योगासन कर सकते हैं तो भुजंगासन आपके लिए सबसे बढ़िया आसान है। इस आसन के अभ्यास से रीड़ की हड्डी और पीठ की मांस पेशियां मजबूत होती है।इस आसन से मानसिक तनाव भी कम होता है। 

यह आसन फन उठाए हुएँ साँप की भाँति प्रतीत होता है| सूर्य नमस्कार और पद्म साधना की श्रेणी में से यह एक आसन है|

भुजंगासन इस तरह करें: How to do Cobra pose

ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ, पादांगुली और मस्तक ज़मीन पे सीधा रखें|पैर एकदम सीधे रखें, पाँव और एड़ियों को भी एकसाथ रखें|दोनों हाथ, दोनों कंधो के बराबर नीचें रखे तथा दोनों कोहनियों को शरीर के समीप और समानान्तर रखें|दीर्घ श्वास लेते हुए, धीरे से मस्तक, फिर छाती और बाद में पेट को उठाएँl नाभि को ज़मीन पे ही रखें|अब शरीर को ऊपर उठाते हुए, दोनों हाथों का सहारा लेकर, कमर के पीछे की ओर खीचें|ध्यान रहे, दोनों बाजुओं पे एक समान भार बनाए रखें|सजगता से श्वास लेते हुए, रीड़ के जोड़ को धीरे धीरे और भी अधिक मोड़ते हुए दोनों हाथों को सीधा करें; गर्दन उठाते हुए ऊपर की ओर देखें|ध्यान रहे, क्या आपके हाथ कानों से दूर हैं? अपने कंधों को शिथिल रखें, आवश्यकता हो तो कोहनियों को मोड़ भी सकते हैं|श्वास छोड़ते हुए प्रथमत: पेट, फिर छाती और बाद में सिर को धीरे से वापस ज़मीन ले आयें|

भुजंगासन के लाभ: Benefits of Cobra pose                 

कंधे और गर्दन को तनाव से मुक्त कराना|पेट के स्नायुओं को मज़बूत बनाना|संपूर्ण पीठ और कंधों को पुष्ट करना|रीढ़ की हड्डी का उपरवाला और मंझला हिस्सा ज़्यादा लचीला बनाना|थकान और तनाव से मुक्ति पाना|अस्थमा तथा अन्य श्वास प्रश्वास संबंधी रोगों के लिए अति लाभदायक (जब अस्थमा का दौरा जारी हो तो इस आसन का प्रयोग ना करें)|

भुजंगासन के अंतर्विरोध:

गर्भवती महिलाएँ, या जिनकी पसली या कलाई में कोई दरार हो, या हाल ही में पेट का ऑपरेशन हुआ हो, जैसे के हर्निया, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए| आप लंबे समय से बीमार हों या रीढ़ की हड्डी के विकार से ग्रस्त रह चुके हों तो, भुजंगासन का अभ्यास  प्रशिक्षक के निगरानी में ही करें|

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